मानसून की बरसात में कैसे रहें स्वस्थ
मानसून की बरसात में कैसे रहें स्वस्थ

Monsoon Health Tips In Hindi: मानसून की बरसात के आगमन से प्रकृति में एक नव जीवन का संचार होता है। सूखी धरती पर गिरने वाले बारिश के बूंदों से नहीं केवल हरियाली बढ़ती है, बल्कि यह हमें गर्मी से छुटकारा दिलाने में भी सहायक होती है। फिर भी, यह मौसम अपने साथ कई स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां भी लेकर आता है। इसलिए, बरसात के मौसम में स्वस्थ रहने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:

पानी का शुद्धता: बारिश के मौसम में पानी संक्रमित होने की संभावना अधिक होती है। इसलिए, सदैव शुद्ध और स्वच्छ पानी का सेवन करें। जितना संभव हो सके, उबला हुआ या फ़िल्टर किया हुआ पानी पीयें।

खाना और पीना: बारिश के मौसम में, खासकर बाहर के खाने से बचें। ताजगी और स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए ताजे फल और सब्जियां खाने में जोड़ें। चाय, कॉफी, सूप और हल्के गर्म खाने का सेवन करना भी लाभकारी होता है।

साफ सफाई: अपने आसपास की सफाई का खास ध्यान रखें। बारिश के मौसम में मच्छर और अन्य कीटों की संख्या बढ़ जाती है, जो विभिन्न रोगों का कारण बन सकते हैं।

व्यायाम और योग: रोजाना कुछ व्यायाम और योग करना आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करेगा और आपको बीमारियों से दूर रखेगा।

सूखे कपड़े: बारिश में गीले होने से बचें। गीले होने से शरीर का तापमान कम हो जाता है जो की बीमारी के लिए उपयुक्त माहौल पैदा कर सकता है।

टीकाकरण: बरसात के समय में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, आवश्यक टीकाकरण और चिकित्सा उपायों को लेना जरूरी होता है।

इन नियमों का पालन करके हम बरसात का आनंद ले सकते हैं, साथ ही स्वस्थ भी रह सकते हैं। स्वस्थ रहना हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसलिए हमें इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

मानसून सीजन में इन रोगों का खतरा, कैसे करें बचाव

मानसून के मौसम में कुछ रोगों का खतरा बढ़ जाता है, जो इस समय में आमतौर पर पाये जाते हैं। ये रोग भीषणता से फैल सकते हैं और कई लोगों को प्रभावित कर सकते हैं। कुछ मुख्य रोगों के बारे में निम्नलिखित है:

मलेरिया: मानसून में मौसम और मौसमी बदलाव के कारण मौसम जीवाणु प्रसार होते हैं और मलेरिया के मौसमी लक्षण प्रकट हो सकते हैं। मलेरिया मौसम के कुछ हफ्ते बाद भी प्रकट हो सकता है, इसलिए इस बीमारी के खतरे से बचने के लिए मच्छरों से बचने और जल-सफाई का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है।

डेंगू: मौसमी बदलाव के कारण डेंगू मच्छरों का प्रसार बढ़ जाता है और यह एक गंभीर बीमारी हो सकती है। इस बीमारी के लक्षण में बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और ज्यादा थकान शामिल होती है। डेंगू से बचने के लिए खुले बर्तनों में पानी न जमने दें और बर्तनों को साफ रखें।

जल-जनित बीमारियां: मानसून में भीषण बारिश के कारण जल-जमाव और बाढ़ का खतरा रहता है, जिससे जल-जनित बीमारियों का प्रसार हो सकता है। इसमें टायफायड, कॉलेरा, लीप्टोस्पाइरोसिस और दस्त जैसी बीमारियां शामिल हो सकती हैं। इससे बचने के लिए स्वच्छ पानी का इस्तेमाल करें और भूसंचयन क्षेत्रों का ख्याल रखें।

जुकाम और कफ: मानसून में आपके संक्रमित वातावरण में बैक्टीरिया और वायरस प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जिससे जुकाम, कफ, और फ्लू जैसी संक्रमण महामारियों का प्रसार हो सकता है। इन बीमारियों से बचने के लिए साबुन से हाथ धोने, स्वच्छता का ध्यान रखने, और स्वस्थ खान-पान करने में विशेष ध्यान देना चाहिए।

इन रोगों से बचने के लिए स्वयं की देखभाल और स्वच्छता का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकारी स्वास्थ्य नियमों और मानसून से संबंधित सेवाओं का भी उपयोग करके आप अपने आसपास की स्वच्छता और अपनी सेहत का ध्यान रख सकते हैं।

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