सावधान, आपकी मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित कर सकती है गर्मी
सावधान, आपकी मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित कर सकती है गर्मी

गर्मियों की तेज धूप से समर SAD का खतरा

स्ट्रेस, एंग्जायटी, मूड डिसऑर्डर, डिप्रेशन जैसे मेंटल हेल्थ इश्यू आज के दौर में आम हो चुके हैं। बदलती जीवन शैली और टूटते—बिखरते परिवारों का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव मानसिक बीमारियों के रूप में सामने आ रहा है। आधुनिक शोध बताते हैं कि गर्मीयों के मौसम में मेंटल हेल्थ इश्यू सर्दियों के मुकाबले अधिक हो सकते हैं।

क्या आपको भी बिना कारण गुस्सा आता है, सुबह उठने के साथ उदासी महसूस करते हैं, स्वभाव चिड़चिड़ा होते जा रहा है और समाज से दूरी बनाने का मन हो रहा है। यदि ऐसा है तो सावधान हो जाइये। यह सब मानसिक रोग के लक्षण हो सकते हैं, जिसे मेडिकल भाषा में डिप्रेशन और एंग्जाइटी के रूप में जानते हैं।

जानिए, क्या है समर SAD

समर SAD एक नई शब्दावली चलन में आई है, जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं। दरअसल, शोध में पाया गया है कि गर्मी में कई बार दिमाग का केमिकल बैलेंस गड़बना जाता है। जिसे समर SAD कहा जाता है। ऐसे में गुस्सा बढ़ जाता है और डिप्रेशन के लक्षण होने लगते हैं।

समझने वाली बात यह है कि अगर गर्मी बढ़ने पर बहुत थकान के साथ मन उदास रहता है, बेवजह गुस्सा बढ़ रहा है तो ये सिर्फ गर्मी का मामला नहीं है। इसका सीधा कनेक्शन मेंटल हेल्थ से हो सकता है।

SAD का अर्थ है, सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर। सीधे शब्दों में जब कुछ लोगों को गर्मियों में डिप्रेशन और तनाव होता है तो इसे समर SAD कहा जाता है। गर्मियों में ज्यादा धूप, हाई टेम्परेचर और नींद में गड़बड़ी ब्रेन की केमिस्ट्री प्रभावित कर सकती है, जिससे मूड बदलता है और डिप्रेशन जैसे लक्षण दिख सकते हैं।

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, जब टेम्परेचर बहुत बढ़ जाता है तो स्ट्रेस, एंग्जायटी, मूड डिसऑर्डर और स्किजोफ्रेनिया जैसे मेंटल हेल्थ इश्यू के कारण हॉस्पिटल में इमरजेंसी केस 8% तक बढ़ जाते हैं। गर्मी से सिरदर्द, नींद की कमी, बेचैनी और मानसिक थकान होती है। इससे डिप्रेशन बढ़ सकता है। तो आइये जानते हैं कि कि समर SAD क्या होता है और इसके क्या लक्षण हैं तथा हीटवेव में मेंटल और डिप्रेशन से कैसे निपटें ?

बताना चाहेंगे कि यदि केवल गर्मी बढ़ने पर आप तनाव और डिप्रेशन महसूस करते हैं और मौसम बदलने पर ये अपने आप ठीक हो जाता है। तो हो सकता है कि यह समर SAD लक्षण है।

समर SAD के क्या होते हैं लक्षण ?

समर SAD के लक्षण आमतौर पर नींद, भूख और मूड से जुड़े होते हैं। इस कंडीशन में भूख कम लगती है, नींद कम आती है और लगातार बेचैनी या चिड़चिड़ापन बढ़ता है। इससे घबराहट, मानसिक थकान, आक्रामक व्यवहार और गुस्सा भी बढ़ जाता है।

गर्मी में मेंटल हेल्थ ?

तेज धूप और ज्यादा रोशनी सेरोटॉनिन और मेलाटॉनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर्स को प्रभावित करती है, जो मूड और स्लीप को कंट्रोल करते हैं। गर्मी में AC न होने या पसीने की वजह से नींद खराब होती है, जिससे दिमाग को आराम नहीं मिल पाता है। वहीं, शरीर में पानी की कमी स्ट्रेस हॉर्मोन को बढ़ा सकती है, जिससे मूड खराब होता है। गर्मी में सोशल आइसोलेशन भी देखा गया है। जिसका कारण यह है कि बहुत गर्मी में लोग बाहर निकलने से कतराते हैं, जिससे अकेलेपन का एहसास बढ़ता है।

हीटवेव में होने वाली एंग्जाइटी से कैसे निपटें?

दिन के सबसे गर्म समय यानी दोपहर 12 से 4 बजे तक बाहर निकलने से बचें।

रूम ठंडा रखने के लिए पंखा, कूलर या AC का इस्तेमाल करें।

रोशनी बहुत ज्यादा लग रही हो तो पर्दे खींच लें, थोड़ी सी अंधेरी और ठंडी जगह मन को शांत करती है।

सोने का फिक्स रूटीन बनाएं। कोशिश करें कि हर दिन एक जैसे समय पर सोएं और जागें।

दिन में बहुत देर तक नैप न लें, वर्ना रात की नींद खराब हो सकती है।

फिजिकली एक्टिव बने रहें। हर दिन सुबह या शाम टहलने निकलें। इससे स्ट्रेस कम होता है। घर पर योग, स्ट्रेचिंग या हल्की एक्सरसाइज करें।

डाइट का ध्यान रखें। गर्मियों में भूख कम लग सकती है, लेकिन फल, सब्जी और हल्का खाना शरीर और दिमाग दोनों के लिए जरूरी है। प्रोसेस्ड फूड, बहुत मीठा या तला हुआ खाना खाने से बचें।

ट्रैक करें मेंटल हेल्थ

हर दिन अपने मूड, थकान, नींद और भावनाओं को नोट करें। इससे आपको ट्रिगर्स समझने में मदद मिलेगी। जरूरत हो तो काउंसलिंग लें। अगर लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो साइकोलॉजिस्ट या साइकैट्रिस्ट से बात करें। कुछ मामलों में दवाएं और थेरेपी दोनों जरूरी हो सकते हैं।

क्या है समर SAD और विंटर SAD ?

विंटर SAD भी बहुत से लोग महसूस करते हैं। बहुत से लोगों को गर्मियों की बजाए सर्दियों में अधिक दिक्कत रहती है। वे ज्यादा खाते हैं और बहुत नींद आती है। वहीं समर SAD में इसके उलट लक्षण होते हैं। जैसे भूख कम लगना, नींद नहीं आना, चिड़चिड़ापन, गुस्सा और बेचैनी ज्यादा होती है। यानी शरीर और मन दोनों ज्यादा काम करते हैं और तनाव में रहते हैं।

क्या है उपचार ?

समर SAD के इलाज में थेरेपी, मेडिटेशन, लाइफस्टाइल में सुधार, अच्छी नींद, संतुलित डाइट की सलाह दी जाती है। जरूरत पड़ने पर दवाएं दी जा सकती हैं। डॉक्टर से सलाह लेकर काउंसलिंग या CBT जैसी साइकोथेरेपी अपनाना मददगार हो सकता है।

क्या ये समस्या सबको होती है ?

चिकित्सकों का कहना है कि जो पहले से डिप्रेशन, एंग्जाइटी या मूड डिसऑर्डर से जूझ रहे हैं, उनके लिए गर्मी का मौसम ज्यादा मुश्किल हो सकता है। इसके अलावा बुजुर्ग, हॉर्मोनल असंतुलन से पीड़ित लोग और सोशल आइसोलेशन में रहने वाले लोग भी ज्यादा संवेदनशील होते हैं। अतएव यदि आप पहले से एंग्जाइटी या डिप्रेशन के रोगी हैं तो गर्मियों में अपने आस—पास के वातावरण को ज्यादा से ज्यादा ठंडा रखने का प्रयास करें। इससे आपको बहुत मदद मिलेगी।

नोट : उक्त आलेख कई योग्य मानसिक रोग विशेषज्ञों की राए पर लिखा गया है। इसमें प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में प्रकाशित आलेखों की भी मदद ली गई है। सी.एन.ई. इस विषय में अपना कोई दावा प्रस्तुत नहीं करता है।