ठंड का मौसम वैसे तो स्वास्थ्य की दृष्टि से उत्तम माना जाता है। यह नवंबर से जनवरी एक हेल्दी सीजन कहा जाता है, लेकिन असावधानी बरतने पर शरीर में कई विकार भी आ जाया करते हैं। सबसे अधिक खतरा उन लोगों को होता है जो पूर्व से दिल के बीमार हैं। ऐसे लोगों में हार्ट अटैक (Heart Attack) आने की संभावना सर्द मौसम में बहुत बढ़ जाती है।
अकसर, सर्दी-जुखाम व गले की खरास व खांसी की शिकायत हर बदलते मौसम में होती है। इसके अलावा शोधों में पाया गया है कि सोराइसिस (psoriasis) जैसी स्किन डिजीज (skin disease) भी सर्दियों में अधिक परेशान करता है। इन सभी समस्याओं के दौरान हालांकि काफी परेशानी होती है, लेकिन सबसे अधिक खतरा दिल के मरीजों को रहता है। यही कारण है कि चिकत्सक ठंड के मौसम में विशेष सावधानियां बरतने की हिदायत देते हैं।
ठंड के मौसम में हार्ट अटैक
- हार्ट अटैक (Heart Attack) – अकसर देखा गया है कि दिल का दौरा पड़ने की समस्या अधिकांशत: बेहद सर्द सीजन में होती है। एक शोध के अनुसार जिन लोगों को पूर्व से ही दिल की बीमारी है और पहले भी हार्ट अटैक आ चुका है। ऐसे लोगों को दिल का दौरा ठंड के मौसम में पड़ने का खतरा 31 प्रतिशत अधिक होता है।
क्या है इसका वैज्ञानिक व मेडिकल कारण –
बताना चाहेंगे कि सर्द मौसम के दौरान शरीर की तंत्रिकाएं सिकुड़ जाती हैं और काफी सख्त हो जाते हैं। मानव शरीर स्वयं इस समस्या से निपटने का प्रयास करता है। इस दौरान शरीर को गर्म करने के लिए रक्त संचार बढ़ने लगता है। इस अवस्था में रक्तचाप (blood pressure) बढ़ने लगता है। खास तौर पर जब आप गहरी नींद में होते हैं तो शरीर की गतिशीलता धीमी पड़ जाती है। जिससे ब्लड प्रेशर और शुगर का लेवल नीचे गिर जाता है। अब ह्रदय को ऐसे में अधिक श्रम करना पड़ता है। दिल ज्यादा ऑक्सीजन मांगता है और यह दबाव जब बढ़ जाता है तो हार्ट अटैक आने की संभावना भी बढ़ जाती है।
ऐसे करें बचाव, कभी नहीं होगी दिल की समस्या –
दुर्भाग्य से यदि को ह्रदय रोग से ग्रसित है तो उसे सर्द मौसम में अपना पूरा ध्यान रखना चाहिए। शरीर को गर्म रखने का प्रयास करें। आपको यह उपाय करने होंगे –
⏩ आवश्यकतानुसार गर्म कपड़े पहने रखें।
⏩ जब पाला गिर रहा हो और बहुत ठंड हो तो मार्निंग वॉक पर नहीं जायें।
⏩ जब आकाश में कोहरा छाया हो तो उससे भी बचना होगा।
⏩ नमक का इस्तेमाल कम से कम करें।
⏩ यदि शराब का सेवन करते हैं तो डिंक्र लेने के बाद गर्म महसूस होने पर शरीर से गर्म कपड़े कतई नहीं उतारें।
⏩ अपने ब्लड प्रेशर, केलेस्ट्रोल आदि की जांच समय-समय पर कराते रहें।
⏩ ब्रीथिंग एक्सरसाइज (अनुलोम-विलोम, कपालभाति) योग आसन आदि सुबह शाम करें।
⏩ हेवी एक्सरसाइज की बजाए हल्का व्यायाम करें।
⏩ एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा वाली सब्जियों का सेवन करें। जैसे गाजर, पालक, बीटरूट, अनार, टमाटर आदि।
⏩ अकसर सर्दियों में लोग पानी कम पीते हैं। ऐसा कभी नहीं करना चाहिए। ठंड के मौसम में भी पर्याप्त मात्रा में गुनगुना या गर्म पानी पीते रहना चाहिए। यह शरीर को hydrated रखता है और दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है।