संस्मरण : स्व. गोविंदी देवी एक विराट व्यक्तित्व, मेरी स्मृतियों में बसी आमा

संस्मरण : गोरा-उजला, भरा हुआ चेहरा, छोटी ‘लिलिपुट’ जैसी कद-काठी, होशियारी व उत्सुकता भरे हुए नेत्र……आमा ! मेरी ‘दादी’ श्रीमती गोविंदी देवी से जुड़े मेरे अनुभव-संस्मरण ! (नोट : हम लोग शुरू से अपनी दादी को ‘अम्मा’ कहकर ही संबोधित करते थे।) कितना दुष्कर है एक ग्रामीण परिवेश की साधरण सी महिला के विराट व्यक्तित्व … Continue reading संस्मरण : स्व. गोविंदी देवी एक विराट व्यक्तित्व, मेरी स्मृतियों में बसी आमा